Income Tax: आयकर में पति-पत्नी के संयुक्त रिटर्न से बचत, जानिए नियम और फायदे!

Income Tax: आयकर बचत की योजना बनाते समय, कई विवाहित जोड़े यह सोचते हैं कि क्या संयुक्त आयकर रिटर्न दाखिल करने से उन्हें कर में राहत मिल सकती है। इस लेख में, हम भारत में संयुक्त आयकर रिटर्न की अवधारणा, वर्तमान नियम, और इससे संबंधित संभावित लाभों पर चर्चा करेंगे।

Income Tax

वर्तमान में, भारतीय आयकर कानून के तहत पति-पत्नी के लिए संयुक्त रूप से आयकर रिटर्न दाखिल करने का प्रावधान नहीं है। प्रत्येक व्यक्ति को अपनी व्यक्तिगत आय के आधार पर अलग-अलग रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य है। इसका अर्थ है कि पति-पत्नी को अपनी-अपनी आय, कटौतियों और कर देयता की गणना करके व्यक्तिगत रूप से रिटर्न दाखिल करना होता है।

संयुक्त आयकर रिटर्न की सिफारिशें

हाल ही में, इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड एकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) ने बजट 2025 के लिए एक सिफारिश प्रस्तुत की है, जिसमें विवाहित जोड़ों के लिए संयुक्त आयकर रिटर्न दाखिल करने की अनुमति देने का प्रस्ताव है। ICAI का मानना है कि इससे उन दंपत्तियों को लाभ होगा, जिनमें एक की आय दूसरे की तुलना में काफी अधिक है। संयुक्त रिटर्न से उनकी कर देयता कम हो सकती है, और कर चोरी पर भी अंकुश लगेगा।

प्रस्तावित कर स्लैब और दरें

ICAI के प्रस्ताव के अनुसार, संयुक्त आयकर रिटर्न के लिए निम्नलिखित कर स्लैब और दरें सुझाई गई हैं:

कुल कर योग्य आय (रुपये में)कर की दर (%)
0 – 6 लाख0
6 – 14 लाख5
14 – 20 लाख10
20 – 24 लाख15
24 – 30 लाख20
30 लाख से अधिक30

इसके अतिरिक्त, 1 करोड़ रुपये से अधिक की आय पर विशेष सरचार्ज लगाने का भी प्रस्ताव है।

संयुक्त आयकर रिटर्न के संभावित लाभ

कर बचत: संयुक्त रिटर्न से दंपत्ति की सम्मिलित आय पर कर की गणना होने से कर देयता कम हो सकती है, विशेषकर जब एक की आय अधिक हो और दूसरे की कम।

सरलीकरण: एक ही रिटर्न दाखिल करने से प्रक्रिया सरल हो सकती है और कागजी कार्यवाही कम हो सकती है।

कर चोरी में कमी: संयुक्त रिटर्न से आय की पारदर्शिता बढ़ेगी, जिससे कर चोरी पर अंकुश लगेगा।

वर्तमान में क्या करें?

जब तक संयुक्त आयकर रिटर्न की अनुमति नहीं मिलती, पति-पत्नी को व्यक्तिगत रूप से रिटर्न दाखिल करना होगा। कर बचत के लिए, वे आयकर अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत उपलब्ध कटौतियों और छूटों का लाभ उठा सकते हैं, जैसे धारा 80C, 80D आदि। इसके अलावा, कर-बचत निवेश योजनाओं में निवेश करके भी कर देयता कम की जा सकती है।

Conclusion- Income Tax

वर्तमान में, भारत में संयुक्त आयकर रिटर्न का प्रावधान नहीं है। हालांकि, ICAI ने इस दिशा में सिफारिश की है, जो यदि स्वीकार की जाती है, तो दंपत्तियों के लिए कर बचत का एक नया मार्ग खोल सकती है। तब तक, पति-पत्नी को व्यक्तिगत रूप से रिटर्न दाखिल करते हुए उपलब्ध कर-बचत विकल्पों का समुचित उपयोग करना चाहिए।

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